Last Updated:May 17, 2025, 14:34 ISTMobile Addiction: सिम्स विशेषज्ञों ने हॉस्टल छात्रों में बढ़ते अकेलेपन और मोबाइल लत पर चिंता जताई है, जिससे मानसिक स्थिति अस्थिर हो रही है. सिम्स ने परामर्श सेवाएं शुरू की हैं. छात्र जीवन का एक अहम हिस्सा होता है आत्मनिर्भरता और नए अनुभवों से सीखना. लेकिन आज के डिजिटल युग में यह अनुभव कई बार मानसिक बोझ बन जाता है. विशेष रूप से वे छात्र जो पढ़ाई के लिए घर से दूर हॉस्टल में रहते हैं, वे अकेलेपन और मोबाइल की लत की दोहरी मार झेल रहे हैं. बिलासपुर स्थित छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) के विशेषज्ञों ने इस बढ़ती समस्या पर गंभीर चिंता जताई है. उनका कहना है कि छात्रों की मानसिक स्थिति तेजी से अस्थिर हो रही है, जो न केवल उनकी पढ़ाई बल्कि उनके सामाजिक जीवन और आत्म-विश्वास पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रही है. सिम्स के विशेषज्ञों के अनुसार, हॉस्टल में रह रहे छात्रों में अकेलेपन की भावना लगातार बढ़ रही है. अपने घर और परिजनों से दूर ये छात्र मोबाइल और सोशल मीडिया की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं, जिससे वे सामाजिक रूप से अलग-थलग पड़ने लगे हैं. यह स्थिति धीरे-धीरे अवसाद, तनाव और मानसिक थकावट का कारण बन रही है. दिनभर मोबाइल में व्यस्त रहने वाले छात्र डिजिटल दुनिया में खो जाते हैं. यह लत उन्हें वास्तविक दुनिया से काट देती है. विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार मोबाइल के संपर्क में रहने से ‘डिजिटल डिसोसिएशन’, ‘सोशल कम्पेरिजन डिसऑर्डर’ और ‘सिचुएशनल डिप्रेशन’ जैसी मानसिक समस्याएं तेजी से उभर रही हैं. इस मानसिक असंतुलन का सीधा असर छात्रों की पढ़ाई और सामाजिक जीवन पर पड़ रहा है. आत्म-सम्मान में गिरावट, प्रेरणा की कमी और दूसरों से तुलना करने की प्रवृत्ति छात्रों को और अधिक मानसिक रूप से कमजोर बना रही है. समस्या को गंभीरता से लेते हुए सिम्स प्रशासन ने छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए परामर्श सेवाएं और संवादात्मक गतिविधियां शुरू की हैं. संस्थान के अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने बताया कि हॉस्टल में घर जैसा माहौल देने के प्रयास किए जा रहे हैं. इसके अंतर्गत सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेल प्रतियोगिताएं और समूह चर्चाएं आयोजित की जा रही हैं ताकि छात्र एक-दूसरे से संवाद करें और मोबाइल की लत से दूरी बना सकें.homelifestyleहॉस्टल में बढ़ती तन्हाई और मोबाइल की लत बन रही मुसीबत, जानें कैसे करे बचाव
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अकेलापन और मोबाइल बना रहे छात्रों को डिप्रेशन का शिकार, पढ़ाई-सोशल लाइफ दोनों पर पड़ रहा असर, उठाए ये कदम
