
अम्बिकापुर. अगर आप नवदेय विद्यालय व सैनिक स्कूल में अपने बच्चों को दाखिला लेना चाहते हैं, तो कम फीस में बेहतर कोचिंग सरगुजा जिले का एक ऐसा युवक, जिसने कोचिंग के दमपर सरगुजा जिले के ग्रामीण इलाकों के बच्चों को कर रहे हैं. मजबूत सैनिक स्कूल सहित नवदेय इंट्रेंस एग्जाम कि करा रहे तैयारी. हाई टेक सुविधाओं के विस्तार के साथ बच्चों के मन मुताबिक डीजीटल कोचिंग कक्षा 5वीं से 10 वी तक के बच्चों को कोचिंग जिले सहित बाहर से बच्चे आते हैं. पढ़ने अम्बिकापुर का एकलौता कोचिंग सेंटर, जहां सैनिक स्कूल व नवदेय विद्यालय कि दी जाती है. कोचिंग 10 सालों से युवक चला रहा कोचिंग सेंटर. ऐसे में युवक आशिस बारी अपने कालेज के पढ़ाई के समय से कक्षा 10 वीं के बच्चों को गणित पढ़ाते थे, फिर आशिष बारी ने कठोर परिश्रम किया पहले अपने घर में पढ़ाना शुरू किया, तब उनके पास टेबल कुर्सी कि सुविधा नहीं थी. बच्चों को जमीन पर बैठाकर कोचिंग देते थे, लेकिन धीरे-धीरे बच्चों ने भी सपोर्ट किया और अब नतीजा ये है कि युवक आशिस बारी ने कमाल करते हुए न सिर्फ कोचिंग दे रहे हैं, बल्कि बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए दिल्ली व रांची के शिक्षक लाकर कक्षा 6वीं और कक्षा 9वीं के बच्चों को एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं.
आइए जानते हैं, युवक आशिस बारी कि संघर्षशील कहानी.युवक आशीष बारी कोचिंग क्लास चलाते हैं, अंबिकापुर के नवापारा के रहने वाले हैं. युवक आशिष बारी सैनिक स्कूल व नवदेय विद्यालय के प्रवेश के लिए एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी कराते हैं. वहीं कक्षा पहली से दसवीं तक के बच्चों को कोचिंग दिलाते हैं. कक्षा छठवीं व कक्षा नवमी के लिए तैयारी कराते हैं. अगर शिक्षक कि बात करें, तो 11 शिक्षक हैं, जोंऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से सुविधा बच्चों को देते हैं. इसमें ज्यादातर शिक्षक अंबिकापुर के रहने वाले हैं और कुछ शिक्षक बाहर तेज से रांची और दिल्ली से आए हैं और बच्चों को हाईटेक शिक्षा प्रदान कर रहे हैं.
वहीं अगर बच्चों की बात करें, तो अंबिकापुर सहित अन्य जगहों से जैसे सीतापुर भटगांव बैकुंठपुर रामानुजगंज सूरजपुर जिले के बच्चे यहां कोचिंग करने पहुंचते हैं. वहीं अगर सैनिक स्कूल के रिजल्ट की बात करें तो अभी नहीं आया है, लेकिन पिछले साल 4 से 5 बच्चे सैनिक स्कूल में सिलेक्टेड हुए हैं. अगर जवाहर नवोदय विद्यालय की बात करें तो 8 से 10 बच्चे सेलेक्ट हर साल होते हैं.
वही सिलेबस की अगर बात किया जाए, तो आशीष बारी बताते हैं कि सैनिक स्कूल के एंट्रेंस एग्जाम कक्षा छठवीं के लिए चार सब्जेक्ट होते हैं. जिसमें गणित, इंटेलिजेंस, जीके, इंग्लिश जों 300 अंक का होता है.
वहीं नवमी कक्षा में चार से बढ़कर पांच हो जाते हैं, जिसमें जनरल साइंस सोशल साइंस इंग्लिश इंटेलिजेंस जीके मैथ मिलकर 400 अंक का होता है. वहीं नवदेय विद्यालय में मैथ इंटेलिजेंस मेंटल एबिलिटी टेस्ट सबसे महत्वपूर्ण होता है.
आशीष कोचिंग सेंटर में बच्चों को बेहतरीन टीप्स दिया जाता है. जाने प्रत्येक शनिवार को मोकस टेस्ट लिया जाता है. साथ ही एग्जाम के मुताबिक टेस्ट लिया जाता है और ठीक वैसा ही प्रश्न पेपर और अंसर सीट दिया जाता है, जिसमें सेट वाइस पेपर बांटा जाता है, जिससे बच्चों कि कमजोरी और डाउट किलियर होता है.
2015 में आशिस बारी ने कोचिंग देना शुरू किया और सबसे पहले दिशा टुटोरियल में संजय बंसल के यहां पढ़ाया. घर में 2015.से 2018 तक घर में पढ़ाना.
बैंकिंग में जाने का शौक कॉलेज करने के टाइम एक ऑफर आता है कि आपको गणित पढ़ना है. 9वीं 10वीं कक्षा के बच्चों को पढ़ाया फिर अचानक बंसल ज़ी अपना राजपुर में स्कूल खोल लिया, फिर आशीष बारी में खुद अपना कोचिंग सेंटर शुरू किया, जिसमें अट्रैक्टिव पैनल चार है और इसे धीरे से बढ़ाने की कोशिश है बच्चों सहित परिजन का भी सपोर्ट रहा है. यही वजह है कि एक बच्ची ने एमबीबीएस पास आउट होकर डॉक्टर की नौकरी कर रही है.
वहीं आशीष कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का मानना है कि यहां बेहतर शिक्षा बच्चों को दी जाती है, जिस तरह से डाउट क्लियर किए जाते हैं और सिलेबस की मुताबिक फीस रखा जाता है.