
Last Updated:May 24, 2025, 11:36 ISTHealth Benefits: छत्तीसगढ़ की पारंपरिक जड़ी-बूटी हुरहुर बुखार, कान दर्द, दांत दर्द और त्वचा रोगों के लिए बेहद असरदार मानी जाती है. यह पूरी तरह प्राकृतिक और बिना साइड इफेक्ट की औषधि है. X
जड़ी-बूटी हुरहुर से गांवों में बिना साइड इफेक्ट के किया जाता है इलाजहाइलाइट्सहुरहुर बुखार, कान दर्द और दांत दर्द में असरदार है.हुरहुर का उपयोग त्वचा रोगों में भी होता है.हुरहुर के बीज मसाले के रूप में भी उपयोग होते हैं.बिलासपुर. छत्तीसगढ़ की धरती न केवल खनिजों से भरपूर है, बल्कि यहां की वनस्पति संपदा भी बेहद समृद्ध और औषधीय गुणों से भरपूर है. इसी परंपरा में एक महत्वपूर्ण पौधा है “हुरहुर” जिसे स्थानीय भाषा में ”हुरहुरी” भी कहा जाता है. यह जड़ी-बूटी पिछले कई दशकों से गांवों में घरेलू इलाज के रूप में इस्तेमाल की जाती आ रही है. खासतौर पर बुखार, कान दर्द, दांत दर्द और त्वचा संबंधी समस्याओं में इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है. हुरहुर की खासियत यह है कि यह न केवल कारगर है, बल्कि पूरी तरह आयुर्वेदिक और बिना किसी दुष्प्रभाव के है.
बुखार और कान दर्द में रामबाण हुरहुरस्थानीय ग्रामीणों के अनुसार हुरहुर के पत्तों का रस निकालकर उसे कान में डालने से न केवल कान की समस्याएं दूर होती हैं, बल्कि बुखार भी तुरंत कम हो जाता है. विद्या लक्ष्मी, जो खुद पिछले 15 वर्षों से इस पौधे का उपयोग कर रही हैं, बताती हैं कि 6 साल पहले जब उन्हें तेज बुखार था, तब यह रस उनके कान में डाला गया था. थोड़ी जलन और खुजली के बाद उनका बुखार पूरी तरह ठीक हो गया और उन्हें कोई साइड इफेक्ट भी नहीं हुआ.
दांत दर्द और त्वचा रोग में भी उपयोगीबिलासपुर जिले के मल्हार में रहने वाले ग्रामीण जदूनंदन प्रसाद वर्मा ने बताया कि हुरहुर का उपयोग केवल कान दर्द या बुखार तक सीमित नहीं है. दांत दर्द में भी यह काफी असरदार माना जाता है. ग्रामीण बताते हैं कि इसका रस प्रभावित हिस्से पर लगाने से दर्द में तुरंत राहत मिलती है. वहीं त्वचा रोगों जैसे फोड़े-फुंसी, खुजली और जलन में भी इसका लेप कारगर साबित होता है.
गांवों में मसाले के रूप में भी होता है उपयोगहुरहुर के औषधीय गुणों के अलावा इसका एक स्वादिष्ट पहलू भी है. इसके बीजों का उपयोग छत्तीसगढ़ के कई गांवों में मसाले के रूप में किया जाता है. खासकर सब्जियों के तड़के में यह बीज तेज गंध और विशेष स्वाद प्रदान करता है, जिससे व्यंजन का स्वाद कई गुना बढ़ जाता है.
पारंपरिक ज्ञान, आधुनिक उपयोग की ओरग्रामीणों की मान्यता है कि हुरहुर एक पूर्णतः आयुर्वेदिक औषधि है, जिसका सही तरीके से उपयोग करने पर कोई नुकसान नहीं होता. इस जड़ी-बूटी की विशेषता यह है कि यह न केवल आम बीमारियों के इलाज में मदद करती है, बल्कि इसके उपयोग से एलोपैथिक दवाओं की जरूरत भी कम हो जाती है.
Anuj SinghAnuj Singh serves as a Content Producer for Local 18 at News18, bringing over one years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology.He has worked as…और पढ़ेंAnuj Singh serves as a Content Producer for Local 18 at News18, bringing over one years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology.He has worked as… और पढ़ेंभारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखेंLocation :Bilaspur,Chhattisgarhhomelifestyleपारंपरिक जड़ी-बूटी का खजाना है यह पौधा! बुखार, कान और दांत दर्द का देसी इलाजDisclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
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