14 अप्रैल 2025 को, मैंने मनाली नेचर कैंप, जशपुर का दौरा किया। यह स्थान प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिकता का अद्वितीय मिश्रण प्रस्तुत4 अप्रैल 2025 को मैंने मायाली नेचर कैंप, जशपुर का दौरा किया। यह स्थान प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनोखा मेल है। “मायाली नेचर कैंप जशपुर में होगा बाबाओं का तीर्थ स्थल” – अब यह बात केवल घोषणा नहीं, बल्कि एक दिशा है।
मायाली नेचर कैंप जशपुर जिले के कुनकुरी विकासखंड में स्थित है, जो जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां मधेश्वर महादेव की पहाड़ियों के बीच बसे इस स्थान को अब धार्मिक और पर्यटक दोनों दृष्टियों से विकसित किया जा रहा है। झरने, घनी हरियाली और शांत झीलें इसे एक आदर्श तीर्थ और पर्यटन स्थल बनाती हैं।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हाल ही में मायाली नेचर कैंप में एडवेंचर जोन का उद्घाटन किया। कयाकिंग, स्पीड बोट, फ्लोटिंग जेटी, बम्पर बोट जैसी साहसिक गतिविधियाँ यहां शुरू हो चुकी हैं। इससे न केवल साहसिक पर्यटन को बल मिलेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे।
मायाली नेचर कैंप को स्वदेश दर्शन योजना के तहत शामिल किया गया है, जिसमें 10 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत हुआ है। इसके अंतर्गत टूरिस्ट टेंट्स, कैक्टस गार्डन, वॉकिंग ट्रेल्स, व्यू पॉइंट और म्यूजिकल फाउंटेन जैसे आकर्षण विकसित किए जा रहे हैं।
इस स्थान को अब बाबाओं के तीर्थ स्थल के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। यहां धार्मिक अनुष्ठानों के आयोजन की योजना बनाई जा रही है ताकि श्रद्धालु मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव कर सकें। इससे क्षेत्रीय संस्कृति और परंपराएं भी संरक्षित होंगी।
पर्यटकों के लिए यहाँ विशेष इंतज़ाम किए जा रहे हैं जैसे नागा हट, गज़ेबो टेंट्स, बच्चों के लिए पार्क, पैडल बोट्स और रात्रि में आकर्षक लाइट एंड साउंड शो। प्राकृतिक प्रेमियों से लेकर धार्मिक पर्यटकों तक, यह स्थल सभी के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है।
स्थानीय समुदाय की भागीदारी इस परियोजना की रीढ़ है। महिलाओं के स्व-सहायता समूह यहाँ टूर गाइड, हैंडीक्राफ्ट बिक्री और फूड कोर्ट संचालन जैसी जिम्मेदारियों में भाग ले रही हैं। इससे उन्हें आत्मनिर्भरता और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिल रहा है।
मायाली नेचर कैंप एक ऐसा स्थान है जहाँ प्रकृति और श्रद्धा का अनूठा संगम होता है। यदि आप आध्यात्मिक शांति, रोमांच और स्थानीय संस्कृति का अनुभव एक साथ करना चाहते हैं, तो मायाली नेचर कैंप, जशपुर ज़रूर जाएँ। यह केवल पर्यटन नहीं, आत्मा की यात्रा है।
यह स्थान अब न केवल जशपुर जिले, बल्कि छत्तीसगढ़ राज्य के प्रमुख धार्मिक-पर्यटन स्थलों में गिना जाएगा। “मायाली नेचर कैंप जशपुर में होगा बाबाओं का तीर्थ स्थल” – यह अब एक भविष्य नहीं, वर्तमान बन चुका है। करता है। “मनाली नेचर कैंप जशपुर में होगा बाबो का तीर्थ स्थल” – यह वाक्य अब मेरे दिल में गूंजता है। यह समाचार विशेष रूप से उन पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण है जो जशपुर जिले में नई पर्यटन संभावनाओं की तलाश कर रहे हैं।
मनाली नेचर कैंप, जशपुर जिले के कुनकुरी विकासखंड में स्थित है, जो जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर है। यह स्थान मधेश्वर महादेव की पहाड़ियों और मयाली बांध के बीच स्थित है, जो इसे एक प्राकृतिक तीर्थ स्थल का रूप देता है। यहां की हरियाली, शांत वातावरण और जलप्रपात इसे एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाते हैं।
हाल ही में, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मनाली नेचर कैंप में एडवेंचर जोन का उद्घाटन किया। इस जोन में कयाकिंग, स्पीड बोट, फ्लोटिंग जेटी, बम्पर बोट जैसी साहसिक गतिविधियाँ शामिल हैं। यह पहल न केवल पर्यटन को बढ़ावा देती है, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करती है।
मनाली नेचर कैंप को स्वदेश दर्शन योजना में भी शामिल किया गया है, जिसके तहत इसके विकास के लिए 10 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है। इस योजना के अंतर्गत पर्यटकों के लिए टेंट की व्यवस्था, कैक्टस गार्डन का विकास और अन्य सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है।
यह स्थान अब बाबो के तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां श्रद्धालु आकर आध्यात्मिक शांति का अनुभव कर सकते हैं। यह पहल न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देती है, बल्कि स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को भी संरक्षित करती है। यह योजना धार्मिक आस्था के साथ-साथ पर्यावरणीय संतुलन को भी ध्यान में रखकर बनाई गई है।
मनाली नेचर कैंप में पर्यटकों के लिए विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध हैं, जैसे कि नागा हट, गज़ेबो टेंट्स, बच्चों के लिए पार्क, पैडल बोट्स और एक म्यूजिकल फाउंटेन। यह स्थान न केवल प्रकृति प्रेमियों के लिए, बल्कि साहसिक गतिविधियों के शौकीनों के लिए भी आदर्श है।
मनाली नेचर कैंप का विकास स्थानीय समुदाय के सहयोग से किया जा रहा है। यहां की महिलाएं स्व-सहायता समूहों के माध्यम से पर्यटन से जुड़ी गतिविधियों में भाग ले रही हैं, जिससे उन्हें आर्थिक सशक्तिकरण मिल रहा है। यह पहल स्थानीय लोगों के जीवन स्तर को सुधारने में सहायक है और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य में योगदान दे रही है।
यदि आप भी प्राकृतिक सौंदर्य, आध्यात्मिकता और साहसिक गतिविधियों का अनुभव करना चाहते हैं, तो मनाली नेचर कैंप, जशपुर आपके लिए एक आदर्श गंतव्य है। यह स्थान न केवल आपकी आत्मा को शांति प्रदान करेगा, बल्कि आपको जीवन के नए अनुभवों से भी रूबरू कराएगा। “मनाली नेचर कैंप जशपुर में होगा बाबो का तीर्थ स्थल” – यह वाक्य अब धार्मिक पर्यटन में नई ऊर्जा का प्रतीक बनता जा रहा है।
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