ईसा मसीह को लेकर दिए विवादित बयान के मामले में भाजपा विधायक रायमुनि भगत की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जशपुर जिला न्यायालय के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट अनिल कुमार चौहान ने रायमुनि भगत के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 196, 299 और 302 के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध करने का आदेश दिया है। यह निर्णय उस परिवाद पर सुनवाई के बाद आया है, जो ढेगनी गांव के निवासी हेरमोन कुजूर द्वारा 10 दिसंबर 2024 को दाखिल किया गया था।
यह मामला 1 सितंबर 2024 का है, जब आस्ता थाना क्षेत्र के ढेगनी गांव में भुईहर समाज के सामुदायिक भवन के लोकार्पण कार्यक्रम में विधायक रायमुनि भगत ने कथित तौर पर ईसा मसीह पर विवादास्पद टिप्पणी की थी। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि उन्होंने कहा था – “अगर ईसा मसीह मरने के बाद जीवित हो सकते हैं, तो मतांतरितों को कब्रिस्तान की जरूरत क्यों पड़ती है?”
इस बयान को ईसाई समाज ने ईसा मसीह का अपमान बताते हुए सभी थानों और चौकियों में FIR की मांग के साथ आवेदन दिए थे। पुलिस जांच में कथित रूप से बयान को आपत्तिजनक नहीं मानते हुए रिपोर्ट निरस्त कर दी गई और शिकायतकर्ताओं को कोर्ट जाने की सलाह दी गई।
हेरमोन कुजूर द्वारा न्यायालय में दायर परिवाद पर सुनवाई करते हुए उनके अधिवक्ता विष्णु कुलदीप ने 6 प्रत्यक्षदर्शियों के बयान और एक वीडियो सीडी साक्ष्य के तौर पर प्रस्तुत की। न्यायाधीश ने मामले को सुनवाई योग्य मानते हुए विधायक रायमुनि भगत को नोटिस जारी कर 10 जनवरी को न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश दिया है।
इस पूरे मामले ने जशपुर समेत राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। विपक्ष इसे आस्था पर हमला बता रहा है, वहीं भाजपा की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। सोशल मीडिया पर यह मामला ट्रेंड कर रहा है और ईसाई समाज में रोष व्याप्त है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी सुनवाई में विधायक अपना पक्ष किस तरह रखते हैं और न्यायालय का रुख क्या होता है।