
Bilaspur News: छत्तीसगढ़ में सरकारी कार्यालयों की कार्यसंस्कृति में बड़ा बदलाव हो सकता है. राज्य सरकार पांच दिवसीय कार्य सप्ताह यानी शनिवार की छुट्टी को खत्म करने की तैयारी में है. इस प्रस्ताव को लेकर सरकार और कर्मचारियों के बीच टकराव की स्थिति बन गई है. कर्मचारियों ने इस बदलाव का कड़ा विरोध किया है. चेतावनी दी कि अगर सरकार ने फैसला वापस नहीं लिया, तो आंदोलन किया जाएगा.
फाइव डे वर्किंग पर सरकार पुनर्विचार के मूड मेंराज्य सरकार की ओर से संकेत मिले हैं कि पांच दिवसीय कार्य सप्ताह के कारण शासकीय कार्य प्रभावित हो रहे हैं. ऐसे में शनिवार की छुट्टी खत्म कर छह दिवसीय कार्य सप्ताह को फिर से लागू करने की तैयारी की जा रही है. बताया जा रहा है कि शीतकालीन सत्र में इसकी घोषणा संभव है.
पीएचक्यू में शनिवार की छुट्टी पर रोक, आदेश जारीइस बीच, छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय (PHQ) ने बड़ा कदम उठाते हुए शनिवार की छुट्टी को समाप्त कर दिया है. अब पुलिस मुख्यालय के सभी अधिकारी और कर्मचारी शनिवार को भी ड्यूटी पर रहेंगे. इस संबंध में डीजीपी के निर्देश पर एडीजी (प्रशासन) द्वारा सर्कुलर जारी किया गया है. आदेश में कहा गया कि कार्यालयीन कार्यों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए समय-सीमा में प्रकरणों का निपटारा जरूरी है.
कर्मचारियों बोले- यह हमारे हितों के खिलाफफाइव डे वर्किंग को खत्म करने की खबरों के बीच कर्मचारी संगठन नाराज हैं. कर्मचारी संघ के रमेश द्विवेदी ने कहा, पांच दिवसीय कार्य व्यवस्था से कर्मचारियों को बेहतर कार्यक्षमता मिलती है. वे ऊर्जा के साथ काम कर पाते हैं. छह दिवसीय कार्य सप्ताह लागू करना कर्मचारियों के हितों के खिलाफ है.
दो दिन की छुट्टी से मानसिक शांतिकर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री सुनील यादव ने कहा, सप्ताह में दो दिन की छुट्टी मिलने से वे पारिवारिक जिम्मेदारियों को आसानी से निभा पाते थे. ऑफिस के तनाव से उबरकर ताजगी के साथ कार्यस्थल पर लौटते थे. यदि केवल एक दिन की छुट्टी मिलेगी तो उनकी व्यक्तिगत और मानसिक स्थिति पर असर पड़ेगा. यह जानकारी हमें समाचार और कई तरह के सोशल मीडिया से मिल रही थी, लेकिन उपमुख्यमंत्री ने जिस तरह से बयान दिया यह स्पष्ट हो गया कि उनकी मंशा 5 वर्किंग डे को खत्म करने की है. यदि ऐसा फैसला लिया जाता है तो हम बड़े पैमाने पर उग्र आंदोलन करेंगे.
सिर्फ छोटे कर्मचारियों का नुकसानकर्मचारियों ने आरोप लगाया कि छुट्टियों के दौरान भी वे ग्राम स्वराज और अन्य सरकारी योजनाओं के कामों में लगे रहते हैं, जबकि बड़े अधिकारी अपनी सुविधानुसार छुट्टियां ले लेते हैं. इस फैसले से केवल छोटे कर्मचारियों को नुकसान होगा.
कर्मचारी संघ का अल्टीमेटम, नहीं मानी बात तो..जिला सचिव ईश्वर शर्मा ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने फाइव डे वर्किंग खत्म करने का निर्णय वापस नहीं लिया, तो राज्यभर में उग्र आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए यह व्यवस्था लागू की थी, लेकिन अब कर्मचारियों को परेशान किया जा रहा है. सभी कार्यालय में कर्मचारियों की संख्या कम है, सरकार को वैकेंसी निकाल कर कर्मचारियों की भर्ती करनी चाहिए, जिससे ऑफिस में काम अच्छी तरीके से हो सके, ना की इस तरह का फैसला लेना चाहिए.