
Jyeshtha Month 2025 Niyam: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हिन्दी माह का यह तीसरा महीना ज्येष्ठ चल रहा है. विष्णु पुराण के अनुसार, ज्येष्ठ माह में भगवान विष्णु के अवतार भगवान त्रिविक्रम की पूजा करते हैं. भगवान त्रिविक्रम श्रीहरि विष्णु के वामन अवतार हैं, जिन्होंने असुर राजा बलि को मुक्ति प्रदान की थी. जो व्यक्ति ज्येष्ठ माह में भगवान त्रिविक्रम की पूजा करता है, उसे दुश्मनों पर विजय प्राप्त होती है, उसके पाप मिटते हैं और अश्वमेध यज्ञ कराने के समान ही पुण्य की प्राप्ति होती है. इसके लिए शास्त्रों में कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. साथ ही, इन नियमों को मानने वाला जातक सेहत से भी ठीक रहता है. अब सवाल है कि आखिर ज्येष्ठ माह के जरूरी नियम क्या हैं? ज्येष्ठ माह में क्या करें और क्या न करें? इस बारे में News18 को बता रहे हैं उन्नाव के ज्योतिषाचार्य ऋषिकांत मिश्र शास्त्री-
ज्येष्ठ माह में क्या करें और क्या नहीं करना चाहिए
बड़े बच्चे की शादी न करें: ज्येष्ठ माह में शादी को लेकर भी जिक्र है. इसमें कहा गया है कि, ज्येष्ठ माह में बड़े बेटे-बेटी का विवाह नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से वैवाहिक जीवन कष्टप्रद हो सकता है.
घर न बनवाएं: ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, ज्येष्ठ माह में घर बनाना अशुभता का कारक माना गया है. ऐसा करने से घर में अकस्मिक मृत्यु का अंदेशा बढ़ता है.
बैंगन के सेवन से बचें: हिन्दी महीने के तीसरा माह ज्येष्ठ में बैंगन का सेवन भी नहीं करना चाहिए. ऐसा करने वालों के संतान को पीड़ा हो सकती है.
ऐसा भोजन न करें: ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, ज्येष्ठ माह में गर्म तासीर या मसालेदार एवं बासी भोजन का त्याग करना चाहिए. इसके अलावा, कोशिश करें कि, दिन में एक समय ही भोजन करें.
ज्येष्ठ माह में क्या करना शुभ
सूर्य देव-हनुमानजी की पूजा: इस माह सूर्य देव और हनुमान जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए इससे आरोग्य और समृद्धि प्राप्त होती है.
ये चीजें दान करें: ज्योतिषाचार्य ऋषिकांत मिश्र बताते हैं कि, पावन पवित्र ज्येष्ठ माह में जरूरतमंदों को जल, तिल, अन्न का दान श्रेष्ठ माना जाता है.