
विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद अयोध्या पहुंचे। पत्नी अनुष्का शर्मा भी उनके साथ थीं। रविवार को दोनों सुबह साढ़े नौ बजे हनुमानगढ़ी पहुंचे। दोनों ने हनुमानजी से आशीर्वाद लिया।.इससे पहले मथुरा पहुंचे थे विराट और अनुष्काविराट कोहली टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के अगले दिन मथुरा के वृंदावन पहुंचे। पत्नी अनुष्का शर्मा भी उनके साथ थीं। दोनों सुबह प्रेमानंद महाराज के केली कुंज आश्रम पहुंचे। दोनों ने प्रेमानंद महाराज को दंडवत प्रणाम कर आशीर्वाद लिया।प्रेमानंद महाराज ने विराट और अनुष्का से पूछा- प्रसन्न हो? इस पर विराट ने मुस्कुराकर कहा- हां। महाराज ने दोनों को आशीर्वाद दिया- जाओ, खूब आनंदित रहो, नाम जप करते रहो। इस पर अनुष्का ने पूछा- बाबा क्या नाम जप से सबकुछ पूरा हो जाएगा? महाराज ने कहा- हां, सब पूरा होगा।प्रेमानंद महाराज ने विराट-अनुष्का से करीब 7 मिनट बातचीत कीविराट और अनुष्का मथुरा के होटल रेडिसन में ठहरे हुए थे। दोनों सुबह 7.20 बजे प्रेमानंद महाराज के आश्रम पहुंचे थे। जानकारी के मुताबिक दोनों ने महाराज से करीब 7 मिनट तक अकेले में भी बातचीत की। प्रेमानंद आश्रम की तरफ से इस मुलाकात का पूरा वीडियो भी जारी किया गया है।विराट-अनुष्का की प्रेमानंद महाराज से मुलाकात का पूरा वीडियो यहां देखें…प्रेमानंद महाराज के आश्रम में विराट-अनुष्का की 3 तस्वीरें…विराट-अनुष्का मंगलवार सुबह प्रेमानंद महाराज के आश्रम पहुंचे, दोनों ने उन्हें दंडवत प्रणाम किया।प्रेमानंद महाराज ने विराट कोहली से पूछा- प्रसन्न हो; कोहली ने जवाब दिया- हां।विराट-अनुष्का को प्रेमानंद महाराज ने चुनरी भेंट की। दोनों ने एक बार फिर उन्हें प्रणाम किया।विराट-अनुष्का 2 घंटे 20 मिनट आश्रम में रहे प्रेमानंद महाराज के आश्रम से जाने के करीब आधे घंटे बाद विराट-अनुष्का लौटे। आश्रम में 2 घंटे 20 मिनट ठहरकर वे सुबह 9.40 बजे वहां से निकले। इस दौरान दोनों ने आश्रम के कामकाज को देखा-समझा।प्रेमानंद महाराज ने अनुष्का से कहा- मन लगाकर राधा नाम का जप करें तो भगवान मिल जाएंगे।महाराज बोले- भगवान की कृपा से अंदर का चिंतन बदलेगा प्रेमानंद महाराज ने कहा- वैभव मिलना कृपा नहीं है। यह पुण्य है। भगवान की कृपा अंदर का चिंतन बदलना है। इससे आपके अनंत जन्मों के संस्कार भस्म होते हैं और अगला जन्म बड़ा उत्तम होता है।भगवान जब कृपा करते हैं तो संत समागम देते हैं। दूसरी कृपा जब होती है तो विपरीतता देते हैं और फिर अंदर से एक रास्ता देते हैं। यह शांति का रास्ता नहीं। भगवान वो रास्ता देते हैं और जीव को अपने पास बुला लेते हैं। बिना प्रतिकूलता के संसार का राग नष्ट नहीं होता।जितने बड़े महापुरुष हुए, सबने प्रतिकूलता देखी महाराज ने कहा- भगवान ने बिना प्रतिकूलता के इस संसार को छुड़ाने की कोई भी औषधि नहीं रखी। आज तक जितने बड़े महापुरुष हुए हैं, जिनका जीवन बदला है, उनको प्रतिकूलता के दर्शन करने पड़े हैं। तो कभी प्रतिकूलता आए तो उस समय आनंदित हों कि मेरे ऊपर अब भगवान की कृपा हो रही है। मुझे सतमार्ग में चलने की प्रेरणा मिल रही है।महाराज ने कहा- हमारी आखिरी श्वास यदि राधा तो मुझे श्रीजी की प्राप्ति, भगवान की प्राप्ति हो जाएगी।विराट तीसरी बाद वृंदावन पहुंचे, जनवरी में दो बार प्रेमानंद महाराज से मिलेविराट कोहली का वृंदावन का यह तीसरा दौरा था। इससे पहले वह 4 जनवरी 2023 और 10 जनवरी 2025 को वृंदावन आए थे। दोनों बार प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की थी।सोमवार को विराट ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लियाविराट कोहली ने सोमवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया था। कोहली ने इंस्टाग्राम पर लिखा था- टेस्ट क्रिकेट ने मेरी परीक्षा ली, मुझे आकार दिया, वो पाठ सिखाए जो जिंदगीभर मुझे याद रहेंगे।विराट कोहली ने 123 टेस्ट मैच खेले हैं। उन्होंने 30 शतक और 31 अर्धशतक बनाए। विराट ने 7 दोहरे शतक लगाए। 2017 और 2018 में वे टेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर चुने गए।विराट-अनुष्का की प्रेमानंद महाराज की पिछली दो मुलाकातों की 2 तस्वीरें…यह तस्वीर 10 जनवरी 2025 की है। विराट-अनुष्का ने प्रेमानंद महाराज को दंडवत प्रणाम किया था।यह तस्वीर 4 जनवरी 2023 की है। जब विराट और अनुष्का अपनी बेटी के साथ प्रेमानंद महाराज के आश्रम में आशीर्वाद लेने पहुंचे थे।प्रेमानंद महाराज के बारे में जानिए…प्रेमानंद महाराज के संत बनने की कहानी उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से शुरू होती है। यहां एक तहसील है नरवल, जिसके अखरी गांव में प्रेमानंद का जन्म हुआ। उनके पिता शंभू नारायण पांडेय और मां रामा देवी हैं। वह 3 भाई हैं, प्रेमानंद मंझले हैं। उनके बचपन का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडेय था।पिता शंभू पुरोहित का काम करते थे। अनिरुद्ध भी बचपन से ही आध्यात्मिक थे। बचपन में पूरा परिवार रोजाना एक साथ बैठकर पूजा-पाठ करता था। अनिरुद्ध यह सब बड़े ध्यान से देखा-सुना करते थे। आज जिन प्रेमानंद महाराज के भक्तों में आम आदमी से लेकर सेलिब्रिटी तक शुमार हैं, उनकी पढ़ाई-लिखाई सिर्फ 8वीं कक्षा तक हुई है। 9वीं में भास्करानंद विद्यालय में एडमिशन दिलाया गया, लेकिन 4 महीने में ही उन्होंने स्कूल छोड़ दिया।
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