
Last Updated:May 26, 2025, 11:40 ISTShivaji Maharaj News: अदम्य साहस, शौर्य और वीरता की अद्वितीय मिसाल कहे जाने वाले मराठा साम्राज्य के गौरव छत्रपति शिवाजी महाराज के किस्से तो आपने बहुत सुने होंगे, लेकिन क्या आपको पता है कि छत्रपति शिवाजी महाराज …और पढ़ेंअंबिकापुर आए थे शिवाजी महाराज.हाइलाइट्सछत्रपति शिवाजी महाराज आए थे छत्तीसगढ़शिवाजी महाराज ने किए थे मां महामाया के दर्शनसरगुजा के राजा से की थी मुलाकातश्रवण कुमार महंत
अंबिकापुर. शिवाजी महाराज का नाम इतिहास के पन्नों में अमर है. शिवाजी महाराज ने स्वराज्य और हिंदुत्व को लेकर मुगल शासक औरंजेब को नाकों चने चबाना छत्रपति शिवाजी महाराज के कई किस्से है. इन्ही किस्सों में एक किस्सा है छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर आने की. दरअसल बात उस समय की है जब औरंगजेब ने धोके से शिवाजी को आगरा में कैद कर लिया था. अपनी चतुराई से औरंगजेब के आगरा के कैद से शिवाजी महाराज भाग निकले. इसी दौरान शिवाजी महाराज अंबिकापुर पहुंचे. अंबिकापुर पहुंचने की एक और वजह भी थी. अंबिकापुर से लेकर उत्तर प्रदेश का अधिकतर इलाका घनघोर जंगल हुआ करता था.
मराठा सेना घात लगाकर हमला करती थी. जंगलों में छिपने में माहिर थे. यही वजह है कि औरंगजेब मराठी सेना को पहाड़ी चूहा भी कहते थे. जानकार बताते है कि औरंगजेब के कैद से बड़ी ही चालाकी से फलों की टोकरी में बैठकर भाग निकले.
मां महामाया के किए थे दर्शन
शिवाजी महाराज गुप्त वास करते हुए बनारस के रास्ते अंबिकापुर पहुंचे. अंबिकापुर में अपनी सेना के साथ विश्राम किया. सरगुजा के तत्कालीन राजा से मुलाकात की अंबिकापुर छोड़ने से पहले मां महामाया के दर्शन किए और रतनपुर के रास्ते ओडिशा के पुरी की ओर रवाना हो गए. शिवाजी महाराज के साथ करीब 50 की संख्या में मराठी दस्ता घुड़सवार हमेशा रहती थी. अंबिकापुर के तत्कालीन राजा ने अंबिकापुर में आने वाले तीर्थ यात्रियों के पूरी व्यवस्था की जाती थी. शिवाजी महाराज के अंबिकापुर पहुंचने पर उनको भी सर्व सुविधा दी गई. रुकने के दरमियान मां महामाया मंदिर गए. मां महामाया के दर्शन किए और अंबिकापुर के राजा ने शिवाजी को सरहद सीमा तक छोड़ा था.
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सरगुजा रियासत के राजा और पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव भी मनाते हैं कि शिवाजी महाराज अंबिकापुर आए थे. टीएस सिंह देव की माता राजमाता महारानी देवेंद्र कुमारी ने तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष टीएस सिंहदेव से अनुरोध भी किया था. शिवाजी महाराज उत्तर प्रदेश के रास्ते सरगुजा आए थे. लिहाजा उत्तर प्रदेश से अंबिकापुर आने वाले रोड में शिवाजी महाराज से चौक बनाया जाए लेकिन समय गुजरने के साथ हो ना सका.
मुगल विदेशी शासक थे, जो भारत की संस्कृति को आघात पंहुचा रहे थे. यही वजह है कि मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी ने स्वराज्य और हिन्दू स्वरास्ट्र के लिए मुगलों से लड़ाई लड़े, जिनकी सोच आमजानों के हितों के लिए थी. अपने वीर पराकर्म से बाहरी आक्रमणकारियों से देश को लूटने से बचाते रहे, जिसकी वजह है कि आज भी छत्रपति शिवाजी महाराज भारत वासियों के दिलों में राज करते है.
Preeti GeorgePreeti George is lead content writer at hindi.news18.com having experience of more than 5 years in digital media. After completing her masters from Kushabhau Thakre Journalism university, she worked in various …और पढ़ेंPreeti George is lead content writer at hindi.news18.com having experience of more than 5 years in digital media. After completing her masters from Kushabhau Thakre Journalism university, she worked in various … और पढ़ेंभारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखेंLocation :Ambikapur,Surguja,ChhattisgarhhomechhattisgarhChhattisgarh GK: छत्रपति शिवाजी महाराज कब आए थे सरगुजा
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