
Premanand Ji Maharaj : शादी एक ऐसा फैसला है जो सिर्फ दो लोगों को नहीं, दो परिवारों को जोड़ता है, यह जीवन की एक नई शुरुआत होती है, जो प्रेम, समझदारी और सामंजस्य पर टिकी होती है. मगर आज के समय में सिर्फ बाहरी आकर्षण या सामाजिक दबाव में आकर शादी करना समझदारी नहीं है. एक सच्चा रिश्ता तभी बनता है जब दोनों एक-दूसरे को सही मायनों में जानें और समझें. इसी विषय पर हाल ही में प्रेमानंद महाराज से एक युवक ने सवाल किया. “शादी से पहले किन बातों पर चर्चा करनी चाहिए जिससे यह समझ आ सके कि सामने वाला हमारे लिए उपयुक्त है या नहीं?”
प्रेमानंद महाराज का जवाब बेहद सहज और मार्गदर्शक था. उन्होंने कहा, “सबसे पहले ईश्वर से प्रार्थना करो कि वह ऐसा जीवनसाथी भेजे जो मन और धर्म दोनों से तुम्हारे साथ चल सके.” उन्होंने यह भी कहा कि कई बार लोग सामने अच्छा दिखने की कोशिश करते हैं, पर अंदर से वैसे नहीं होते. इसलिए अपने मन से नहीं, बल्कि प्रभु की इच्छा से निर्णय लेना ज़रूरी है.
यह भी पढ़ें – धन की देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए 41 दिन का यह उपाय बदल सकता है आपकी किस्मत!
महाराज जी ने यह स्पष्ट किया कि आज के दौर में पवित्र और सच्चा रहना कठिन होता जा रहा है, लेकिन यदि आप खुद सही रास्ते पर चलेंगे तो जीवनसाथी भी वैसा ही मिलेगा. उन्होंने कहा, “पहले खुद को सुधारो, फिर परमात्मा से कहो कि मुझे ऐसा साथी दो जो भीतरी रूप से सच्चा हो.”
इसके साथ उन्होंने कुछ जरूरी प्रश्न बताए जिन्हें शादी से पहले पूछना फायदेमंद हो सकता है.
1. क्या तुम किसी और रिश्ते में रही/रहे हो?- यह जानना जरूरी है ताकि बीते हुए कल का बोझ भविष्य को ना बिगाड़े.
2. परिवार और रिश्तों को लेकर तुम्हारा नजरिया क्या है? – शादी के बाद सिर्फ दो लोग नहीं, दो परिवार जुड़ते हैं. ऐसे में दोनों का दृष्टिकोण मिलना जरूरी है.
3. तुम्हारा धर्म और आध्यात्मिक सोच कैसी है? – अगर सोच में समानता हो, तो रास्ता आसान होता है.
4. तुम्हारे लिए ईमानदारी और वफादारी का क्या मतलब है? – रिश्ते की नींव इन्हीं दो बातों पर टिकी होती है.
5. तुम तनाव या समस्या आने पर क्या करती/करते हो?. – इससे यह समझ आता है कि सामने वाला मुश्किल समय में कैसे प्रतिक्रिया देगा.
यह भी पढ़ें – कामयाबी नहीं मिल रही? रोज़ की इन 9 आदतों से सभी ग्रह होंगे संतुलित, जीवन बदलेगा
प्रेमानंद जी की बातों में कोई जटिलता नहीं होती, वो सरलता से गूढ़ बातें समझा देते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि शादी जीवन को सुंदर बनाने का एक साधन है, लेकिन जब तक मन और सोच में मेल ना हो, तब तक वह साधन बंधन बन जाता है. (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)