
Jupiter Planet: ज्योतिष में बृहस्पति को सबसे शुभ ग्रहों में गिना जाता है. इसे ज्ञान, समझदारी, बड़ा सोचने की क्षमता और समाज में इज़्ज़त से जोड़ा जाता है. जब किसी व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति मजबूत स्थिति में होता है, तो उसके जीवन में तरक्की के कई रास्ते खुलने लगते हैं. बृहस्पति जब शनि के साथ जुड़ता है, तो ऐसे लोग आमतौर पर बहुत ही ज़िम्मेदार पेशों में जाते हैं. ये पेशे समाज में इज़्ज़त दिलाते हैं, जैसे कि जज, टीचर या कोई ऐसा काम जिसमें दूसरों को दिशा दिखाने का मौका मिले. ऐसे लोग बहुत मेहनती होते हैं और अपनी बातों से लोगों का भरोसा जीत लेते हैं. आइए जानते हैं विस्तार से भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.
पैसे के साथ नाम भीजब बृहस्पति शुक्र के साथ संबंध बनाता है, तो व्यक्ति के जीवन में पैसा ही नहीं, बल्कि नाम और शोहरत भी आती है. ऐसे लोग एक से ज्यादा रास्तों से पैसा कमाते हैं, जैसे व्यापार, नौकरी, निवेश या फिर कला के ज़रिए. इनकी एक खास बात होती है ये केवल अपने लिए नहीं, बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा बनते हैं. समाज में इनकी छवि एक रोल मॉडल की तरह होती है.
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अगर किसी की कुंडली में बृहस्पति किसी और ग्रह की ओर देख रहा होता है, तो वो ग्रह अपनी कमजोर स्थिति से बाहर निकल आता है. चाहे वह राहु हो, केतु हो या फिर शनि, बृहस्पति की नज़र से उन ग्रहों के नकारात्मक असर कम हो जाते हैं. इसी कारण इसे “गुरु” कहा गया है जो अंधकार में भी रोशनी दिखाता है.
एक और खास बात यह है कि बृहस्पति केवल ज्ञान नहीं देता, बल्कि उस ज्ञान को इस्तेमाल करने का सही तरीका भी सिखाता है. यह ग्रह व्यक्ति के सोचने के नजरिए को बड़ा करता है. जब इंसान छोटा सोचता है, तो उसके फैसले भी उसी अनुसार होते हैं. लेकिन जब सोच बड़ी होती है, तो उसके कदम भी बड़े और पक्के होते हैं.
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बृहस्पति का कमजोर होना कई परेशानियों को जन्म देता है. व्यक्ति को बार-बार फैसलों में धोखा मिलता है, पढ़ाई या करियर में रुकावट आती है, और सबसे बड़ी बात आत्मविश्वास डगमगाने लगता है. लेकिन जैसे ही बृहस्पति मजबूत होता है, वैसी ही ज़िंदगी में स्थिरता और सम्मान आने लगता है.