
ग्रहों के राजा सूर्य 25 मई को रोहिणी नक्षत्र में गोचर करेंगे और इसी के साथ नौतपा 2025 का आरंभ हो जाएगा. नौतपा वह विशेष काल है, जब सूर्य की तपिश अपने चरम पर होती है और यह 9 दिनों तक जारी रहती है. आर्युवेद के अनुसार, नौतपा का समय प्राकृतिक रूप से शरीर, पाचन तंत्र और वातावरण में परिवर्तन लाने वाला होता है और आयुर्वेद इस दौरान विशेष आहार-विहार (खानपान व दिनचर्या) की सलाह देता है. नौतपा काल में सूर्य की तेज किरणें शरीर में पित्त दोष को अत्यधिक बढ़ा देती हैं इसलिए गर्मी, जलन, त्वचा रोग, एसिडिटी, सिरदर्द, थकावट, डिहाइड्रेशन, आंखों की जलन आदि होने की आशंका बनी रहती है. आर्युवेद में नौतपा काल में बैंगन ना खाने की सलाह दी जाती है. नौतपा में बैंगन खाना अच्छा नहीं माना जाता और कई समस्याएं बढ़ने का खतरा बना रहता है. आइए जानते हैं नौतपा में बैंगन खाने की मनाही क्यों है…
इसलिए पड़ती है नौतपा में गर्मीनौतपा की शुरुआत 25 मई 2025 दिन रविवार से हो रही है और इसका समापन 2 जून 2025 दिन सोमवार को होगा. ज्योतिष के सिद्धांत के अनुसार, नौतपा जितनी अच्छी तरह से तपेगा यानी अधिक गर्मी पड़ेगी, उतनी ही अच्छा बारिश होगी. अगर नौतपा में अच्छे से बारिश ना पड़े तो बारिश होने के आसार कम हो जाते हैं. नौतपा के 9 दिनों में सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर पड़ती हैं और भयंकर गर्मी पड़ना शुरू हो जाता है. ज्येष्ठ मास में सूर्य जब रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं तो गर्मी का कहर शुरू हो जाता है क्योंकि रोहिणी नक्षत्र के स्वामी चंद्र देव हैं इसलिए सूर्य जब रोहिणी नक्षत्र में आते हैं, तब चंद्रमा की शीतलता कम होने लगती है इसलिए नौतपा के 9 दिन भीषण गर्मी पड़ती है.
इसलिए नौतपा में ना खाएं बैंगनआर्युवेद के अनुसार, नौतपा के 9 दिनों में भूलकर भी बैंगन नहीं खाने चाहिए क्योंकि बैंगन की तासीर यानी प्रकृति गर्म होती है. अगर आप गर्मी में बैंगन खाएंगे तो यह शरीर में और गर्मी पैदा करेगा, जिससे पथरी, पेट संबंधित कई बीमारियां होने का खतरा बना रहेगा. बैंगन में ऑक्सलेट की मात्रा अधिक होती है, जिससे पेट में पथरी बनने का खतरा अधिक होता है. साथ ही इन 9 दिनों में शरीर में पानी की कमी भी रहती है इसलिए इस अवधि में पथरी बनने के चांसेज दोगुने हो जाते हैं. साथ ही पेट से संबंधित कई बीमारियां होने की आशंका भी बनी रहती है.
नौतपा में इन चीजों को खाने से बचेंबैंगन के अलावा नौतपा में अधिक तेल मसाले वाले भोजन से बचना चाहिए, दही से पाचन शक्ति खराब होने की आशंका बनी रहती है. आर्युवेद में नौतपा के 9 दिनों में दही खाना वर्जित बताया गया है. अगर आप पूरी गर्मी दही नहीं छोड़ सकते तो कम से कम नौतपा में दही खाने से बचें. इसके अलाव तामसिक भोजन, अंडा इत्यादि खाने से बचें और ज्यादा सोडियम वाले फूड जैसे चिप्स, नमकीन, अचार आदि से भी परहेज रखें. इन 9 दिनों में बाहर का खाना भूलकर भी खाने से बचें
नौतपा में इन चीजों को खाएंआर्युवेद के अनुसार, नौतपा में मौसमी फल खाना बहुत लाभदायक है. इन 9 दिन में आप तरबूज, खरबूज, खीरा, नारियल पानी, ककड़ी आदि चीजों को ज्यादा से ज्यादा खाएं. साथ ही समय समय पर पानी का सेवन भी करते रहें, यह आपके शरीर में पानी की कमी नहीं होने देगा. नौतपा में सत्तू खाना बेहद फायदेमंद बताया गया है, सत्तू खाने से गर्मी की लू से भी बच सकते हैं.