
Tips To Place The Idol Of God: भारत में घर के मंदिर को एक पवित्र स्थान माना जाता है, जहां हम ईश्वर से जुड़ते हैं, प्रार्थना करते हैं और मानसिक शांति पाते हैं, लेकिन अकसर यह सवाल सामने आता है कि घर में किस तरह की मूर्तियां रखनी चाहिए? क्या बड़ी मूर्तियां रखना सही है? और किन भगवानों की मूर्तियां रखना उचित होता है? आइए इस बारे में विस्तार से बात करते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.
सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि घर के मंदिर में मूर्ति या तस्वीर रखने का उद्देश्य क्या है. यह न केवल हमारी आस्था का प्रतीक होता है बल्कि उस ऊर्जा का केंद्र भी होता है, जिससे हम जुड़ना चाहते हैं. इसलिए जब हम ईश्वर की बड़ी मूर्ति रखने की बात करते हैं, तो उसमें कुछ बातें ध्यान रखने लायक हैं.
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कितनी बड़ी मूर्तिअगर आप 9 इंच से बड़ी मूर्ति रखते हैं, तो उसे सिर्फ सजावट का सामान नहीं समझा जा सकता. मान्यता है कि इतनी बड़ी मूर्ति में “प्राण प्रतिष्ठा” मानी जाती है. इसका मतलब यह है कि उस मूर्ति में ईश्वर की उपस्थिति मानी जाती है. ऐसे में अगर आप उसे घर में रख रहे हैं, तो आपको रोज उसकी पूजा करनी होगी, उसे भोग लगाना होगा, मंदिर को साफ रखना होगा, और मूर्ति को पूरी श्रद्धा और सम्मान देना होगा.
नकारात्मक असरबिना पूजा-पाठ और देखभाल के अगर बड़ी मूर्ति रख दी जाए, तो वह नकारात्मक असर भी डाल सकती है. खासकर तब जब आप उसे किसी कोने में रख दें या उसके सामने गंदगी रहे. इसलिए अगर आप नियमित पूजा नहीं कर सकते, तो बड़ी मूर्तियां रखने से बचना ही ठीक है.
कौनसी दिशा शुभअब बात करते हैं दिशा की. घर में मंदिर रखने की सबसे अच्छी दिशा उत्तर-पूर्व (नॉर्थ-ईस्ट) मानी जाती है. यही वह कोना है जहां सकारात्मक ऊर्जा सबसे अधिक होती है. मंदिर को घर के किसी भी कोने में नहीं रखना चाहिए. और हां, पूरे घर में अलग-अलग जगह भगवान की तस्वीरें या मूर्तियां रखना भी सही नहीं माना जाता. इससे ध्यान भटकता है और जगह-जगह पूजा का भाव टूटता है.
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जरूरी बातएक और जरूरी बात एक ही भगवान की कई मूर्तियां या तस्वीरें एक ही जगह पर न रखें. इससे एकाग्रता में कमी आती है. बेहतर यही है कि एक ही स्वरूप हो, और उसी पर आपका ध्यान केंद्रित रहे. कुछ लोग घर के बाहर भगवान की मूर्तियां या तस्वीरें लगा देते हैं, खासकर गणेश जी की. लेकिन यह गलत सोच है कि गणेश जी हमारे घर की सुरक्षा करेंगे. भगवान हमारे रक्षक हैं, लेकिन उनका सम्मान घर के अंदर होना चाहिए, न कि उन्हें किसी दरवाजे पर “गार्ड” बनाकर खड़ा कर दिया जाए.