
Vidur Neeti in Hindi: महाभारत एक ऐसा महाग्रंथ है, जिसमें जीवन के हर पहलू के लिए मार्गदर्शन छिपा है. इसी महाभारत में एक पात्र हैं महात्मा विदुर. उन्होंने अपने अनुभव और ज्ञान से ऐसी बातें कही हैं जो आज भी जीवन को सही दिशा देने में सहायक हैं. विदुर नीति केवल राजा-महाराजाओं के लिए नहीं, बल्कि आम इंसान के लिए भी उपयोगी है. खासतौर पर तब, जब जीवन में कोई निर्णय लेना हो और आप किसी से सलाह लेने की सोच रहे हों. महात्मा विदुर कहते हैं कि सलाह लेते समय यह जरूर देखना चाहिए कि सामने वाला व्यक्ति कैसा है, उसके विचार, उसकी नीयत और उसका अनुभव. क्योंकि अगर सलाह देने वाला व्यक्ति सही नहीं है, तो उसकी सलाह आपके लिए हानिकारक हो सकती है. कई बार हम भावनाओं या नजदीकी रिश्तों के चलते उन लोगों से भी सलाह ले लेते हैं जो योग्य नहीं होते.
नतीजा ये होता है कि सही रास्ता होते हुए भी हम भटक जाते हैं. इसलिए विदुर नीति में कुछ खास प्रकार के लोगों से सलाह लेने से मना किया गया है. आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से.
1. अज्ञानी और बिना अनुभव वाले लोगमहात्मा विदुर के अनुसार, किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले सलाह लेना अच्छा होता है, लेकिन यह सलाह ऐसे व्यक्ति से लेनी चाहिए जो उस क्षेत्र का अनुभव रखता हो. अगर आप किसी ऐसे इंसान से सलाह लेंगे जो न तो विषय को समझता है और न ही उसका कोई अनुभव है, तो उसकी राय केवल भ्रम पैदा करेगी. अज्ञानी व्यक्ति के पास खुद की सोचने-समझने की शक्ति नहीं होती, इसलिए वह या तो गलत सलाह देगा या फिर आपको दुविधा में डाल देगा.
2. लोभी और स्वार्थी व्यक्तिविदुर नीति में कहा गया है कि जिस व्यक्ति का उद्देश्य सिर्फ अपना लाभ होता है, वह कभी भी निष्पक्ष सलाह नहीं दे सकता. लोभी व्यक्ति आपकी भलाई नहीं, बल्कि अपने फायदे के बारे में सोचता है. वह आपको उस दिशा में ले जा सकता है जहां उसका स्वार्थ हो, भले ही आपका नुकसान क्यों न हो जाए. ऐसे में उसकी सलाह पर चलना आत्मघाती हो सकता है.
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3. क्रोधित और असंतुलित स्वभाव वाले लोगगुस्से में लिए गए निर्णय अक्सर गलत होते हैं. अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति से सलाह ले रहे हैं जो अक्सर क्रोधित रहता है या जिसका मानसिक संतुलन स्थिर नहीं है, तो उसकी सलाह भी अस्थिर होगी. महात्मा विदुर के अनुसार, शांत और संयमित व्यक्ति ही सही निर्णय ले सकता है. क्रोधी व्यक्ति तर्क नहीं बल्कि भावनाओं के अधीन होकर सोचता है.
4. चापलूस और हां-में-हां मिलाने वाले लोगविदुर नीति में यह भी कहा गया है कि उन लोगों से सलाह नहीं लेनी चाहिए जो हमेशा आपकी हां में हां मिलाते हैं. ऐसे लोग सच्चाई नहीं बताते बल्कि सिर्फ आपको खुश करने के लिए बोलते हैं. उनकी सलाह आपको गलत दिशा में ले जा सकती है क्योंकि वे आपकी भलाई के बजाय आपकी प्रशंसा में लगे रहते हैं.
5. डरपोक और असमर्थ व्यक्तिजो व्यक्ति खुद किसी फैसले से डरता हो, वह आपको कभी साहसिक या जोखिम भरे लेकिन फायदेमंद निर्णय लेने की सलाह नहीं देगा. ऐसे लोग हमेशा आपको सावधानी बरतने या पीछे हटने को कहेंगे, जिससे आपके अवसर छिन सकते हैं. महात्मा विदुर के अनुसार, सलाह उस व्यक्ति से लेनी चाहिए जो निडर हो, अनुभव रखता हो और निर्णय लेने में सक्षम हो.
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6. नकारात्मक सोच रखने वाले लोगकुछ लोग हर चीज में केवल बुरा ही देखते हैं. ऐसे लोग आपको हमेशा यह समझाने की कोशिश करेंगे कि काम नहीं होगा, मुश्किलें आएंगी या नुकसान हो सकता है. उनकी सोच सीमित और डराने वाली होती है. अगर आप ऐसे लोगों की सलाह मानेंगे तो आप कभी भी सकारात्मक और साहसिक कदम नहीं उठा पाएंगे.