
Last Updated:May 26, 2025, 08:40 ISTAjab Gajab News: छत्तीसगढ़ में एक ऐसी घटना घटी, जो अंधविश्वास करने करने वालों के मुंह पर तमाचा है. खासकर गांवों में सांप काटने पर लोग झाड़फूंक वाले तांत्रिक-ओझा के पास भागते हैं. लेकिन, इस बार जब झाड़फूंक वाले को…और पढ़ेंX
झाड़ फूंक करने वाले बाबा को काटा सांप पहुंचे अस्पताल हाइलाइट्सबाबा को सांप ने काटा, परिवार संग यहां के लिए भागाबाबा ने लोगों से झाड़-फूंक पर भरोसा न करने की अपील कीकहा, अब आपको सांप काटे तो तुरंत करना ये कामAmbikapur News: आज भी गांवों में सांप काटने पर झाड़-फूंक की परंपरा है. अनजानें में तमाम ग्रामीण सांप काटने पर पहले बाबा-हकीम के पास पहुंचे हैं. गांव के लोग इन बाबा-हकीम को सिद्ध मानते हैं. लेकिन, छत्तीसगढ़ के जशपुर में जो हुआ, वो ऐसे लोगों की आंखें खोलने के लिए काफी है, जो सांप काटने पर ओझा-तांत्रिक के चक्कर में पड़ जाते हैं. दरअसल, जशपुर में झाड़-फूंक करने वाले एक बाबा को ही जहरीले सांप ने काट लिया. लेकिन, इसके बाद बाबा ने जो किया, उसने सबको हैरान कर दिया.
जशपुर जिले के पत्थलगांव में यह घटना घटी. इसके सांप काटते ही बाबा ने सांप को पकड़ लिया और कंधे पर टांग लिया. इसके बाद सीधे अस्पताल भागा. सिविल अस्पताल में इलाज के बाद उसकी जान बचा ली गई है. रायगढ़ जिले के ग्राम बरपाली चरखपारा निवासी 40 वर्षीय शंकर यादव, झाड़-फूंक और सांप पकड़ने के लिए मशहूर है. उन्हें एक जहरीले नाग ने काट लिया. यह घटना तब हुई, जब शंकर यादव अपने दाहिने हाथ से सांप को पकड़ने की कोशिश कर रहे थे.
बिना देरी किए अस्पताल लेकर भागे परिजनसांप के काटने के तुरंत बाद शंकर यादव को उनके परिजनों ने बिना देरी किए सिविल अस्पताल पत्थलगांव पहुंचाया. अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें प्राथमिक उपचार दिया. सर्पदंश के लिए जरूरी एंटी-वेनम इंजेक्शन और अन्य चिकित्सा सुविधाएं समय पर उपलब्ध कराई गईं. डॉक्टर ने बताया कि मरीज को समय पर अस्पताल लाया गया, जो उसकी जान बचाने में सबसे महत्वपूर्ण था. सर्पदंश के मामलों में तुरंत चिकित्सा सहायता लेना जरूरी है. हमने मरीज को एंटी-वेनम और अन्य जरूरी उपचार दिए, जिसके बाद उनकी स्थिति स्थिर हो गई और अब वह पूर्णतः स्वस्थ हैं.
अक्ल आई ठिकाने! करी ये अपीलआश्चर्य की बात यह है कि शंकर यादव, जो दूसरों को सर्पदंश से बचाने के लिए झाड़-फूंक करते थे, खुद को सांप काटने पर अस्पताल भागे. उनकी और उनके परिजनों की त्वरित समझदारी ने उनकी जान बचा ली. अब स्वस्थ हो चुके शंकर यादव ने लोगों से एक खास अपील की है. उन्होंने कहा कि वे पिछले कई सालों से सांप पकड़ने के अलावा सर्पदंश पीड़ितों का झाड़-फूंक करते आए हैं. लेकिन, इस बार जब सांप ने उन्हें काट लिया, तो उन्होंने तुरंत अस्पताल जाने का फैसला किया. आज वह ठीक हैं. अब वे कह रहे हैं कि सर्पदंश होने पर झाड़-फूंक या देसी नुस्खों पर भरोसा न करें. तुरंत, अस्पताल जाएं. क्योंकि समय पर इलाज ही आपकी जान बचा सकता है.
सांप काटने पर शुरुआती घंटे महत्वपूर्णशंकर यादव की यह कहानी ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश के प्रति जागरूकता की कमी को उजागर करती है. अक्सर लोग सांप काटने पर अंधविश्वास और झाड़-फूंक के चक्कर में समय पर इलाज नहीं लेते, जिससे जान का खतरा बढ़ जाता है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सर्पदंश के मामलों में पहले कुछ घंटे बेहद महत्वपूर्ण होते हैं. सर्पदंश एक मेडिकल इमरजेंसी है और अस्पतालों में एंटी-वेनम और जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं. लोगों को चाहिए कि वे बिना समय गंवाए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचें. अंधविश्वास के चक्कर में पड़ने से नुकसान हो सकता है.
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