
Last Updated:April 29, 2025, 06:25 ISTCoriander Advanced Variety Cultivation Tips: धनिया की उन्नत किस्म श्री चंद्रहासिनी धनिया-2 के जरिए न सिर्फ उत्पादन बढ़ाया जा सकता है, बल्कि बाजार में अच्छी कीमत भी प्राप्त की जा सकती है. यह किस्म 1.3 से 1.5 टन …और पढ़ेंX
धनियां की उन्नत किस्महाइलाइट्सश्री चंद्रहासिनी धनिया-2 से 1.3-1.5 टन प्रति हेक्टेयर उपज मिलती है.बीजोपचार और खरपतवार नियंत्रण से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.वैज्ञानिक विधियों से खेती कर किसान अधिक लाभ कमा सकते हैं.रायपुर. छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए खेती अब और अधिक लाभकारी साबित हो सकती है, खासकर जब वे पारंपरिक तरीकों की जगह वैज्ञानिक विधियों को अपनाए. दरअसल, धनिया की उन्नत किस्म श्री चंद्रहासिनी धनिया-2 के जरिए न सिर्फ उत्पादन बढ़ाया जा सकता है, बल्कि बाजार में अच्छी कीमत भी प्राप्त की जा सकती है. यह किस्म 1.3 से 1.5 टन प्रति हेक्टेयर तक उपज देने में सक्षम है, जिसमें 10 से 15 ग्राम हरे पत्तों की कटाई के बाद भी दाना उत्पादन बना रहता है. यह विशेष किस्म किसानों को कम लागत में अधिक लाभ देने का भरोसा देती है.
ऐसे करें धनिया का बीजाेपचार
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के विशेषज्ञों के अनुसार इस किस्म के लिए प्रति हेक्टेयर 20 से 25 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है. बीजोपचार के रूप में कार्बेन्डाजिम 2.5 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से किया जाता है. इसकी खेती के लिए 30×10 सेंटीमीटर की कतारों में त्रिभुजाकार पंक्ति विन्यास अपनाना चाहिए. उर्वरक के रूप में 10-12 टन गोबर खाद के साथ नत्रजन 150 किग्रा, फास्फोरस 80 किग्रा और पोटाश 60 किग्रा प्रति हेक्टेयर देना चाहिए. ड्रिप पद्धति से प्रत्येक दो दिन के अंतराल में 30 मिनट तक सिंचाई करना लाभदायक होता है. एनपीके उर्वरक का 19:19:19, 12:61:0, 13:0:45 के अनुपात में उपयोग किया जाता है.
ऐसे करें खरपतवार नियंत्रण
चंद्रहासिनी धनिया 2 की खेती के दौरान बुवाई के 3 दिन के अंदर ऑक्सी डाइअर्जिल 75 ग्राम प्रति हेक्टेयर का छिड़काव कर खरपतवार नियंत्रण किया जा सकता है. एक हेडवीडिंग 20 दिन बाद और दूसरी 35 दिन बाद करनी चाहिए. कीटों के नियंत्रण हेतु साइन्ट्रिन क्लोरिपाईरिफॉस 17.8% को 1.5 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए. रोग प्रबंधन के लिए कार्बेन्डाजिम और ट्राइकोडरमा का प्रयोग प्रभावी माना गया है.
धनिया की ये है बेस्ट वैरायटी
धनिया के पत्तों और दानों की बाजार में सालभर मांग रहती है. बेहतर गुणवत्ता और उन्नत किस्मों की उपज से किसान थोक व्यापारियों और प्रोसेसिंग यूनिट्स को सीधे बेच सकते हैं, जिससे उन्हें उचित मूल्य मिल सकता है. यदि किसान इन तकनीकी दिशानिर्देशों का पालन करें, तो ‘श्री चंद्रहासिनी धनिया-2’ किस्म की खेती से न केवल उत्पादन बढ़ाया जा सकता है बल्कि अपनी आर्थिक स्थिति भी मजबूत कर सकता है.
Location :Raipur,ChhattisgarhFirst Published :April 29, 2025, 06:25 ISThomeagricultureधनिया की ये है बेस्ट वैरायटी, इस विधि से बुवाई करने पर मिलेगी बंपर उपज
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